दिल लुटने का सबब
हम को किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही
किसने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही
दिल के लुटने का सबब पूछो न सबके सामने
नाम आएगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही
नफ़रतों के तीर खाकर दोस्तों के शहर में
हमने किस किस को पुकारा ये कहानी फिर सही
क्या बताएं प्यार की बाज़ी वफ़ा की राह में
कौन जीता कौन हारा ये कहानी फिर सही
-Masroor Anwar
'हिंदुस्तान , पृष्ठ 9 , 7-1-2011'
URDU SHAAYRI
Thursday, January 6, 2011
Monday, December 27, 2010
तंग कपड़े
ये कपड़े तंग सिलवाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
किसी के दिल को तड़पाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
गले में डाल दे बांहें मिला दे सांस से सांसें
लबे मंज़िल से लौटाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
किसी के दिल को तड़पाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
गले में डाल दे बांहें मिला दे सांस से सांसें
लबे मंज़िल से लौटाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
Sunday, November 14, 2010
पहला शेर
हमारे दिल पे जो जख्मों का बाब लिखा है
उसी में वक्त का सारा हिसाब लिखा है ।
तेरे वजूद को महसूस उम्र भर होगा
तेरे लबों पे जो हमने जवाब लिखा है ।
उसी में वक्त का सारा हिसाब लिखा है ।
तेरे वजूद को महसूस उम्र भर होगा
तेरे लबों पे जो हमने जवाब लिखा है ।
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