Monday, December 27, 2010

तंग कपड़े

ये कपड़े तंग सिलवाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
किसी के दिल को तड़पाना तुझे ज़ेबा नहीं देता

गले में डाल दे बांहें मिला दे सांस से सांसें
लबे मंज़िल से लौटाना तुझे ज़ेबा नहीं देता

Sunday, November 14, 2010

पहला शेर

हमारे दिल पे जो जख्मों का बाब लिखा है
उसी में वक्त का सारा हिसाब लिखा है ।
तेरे वजूद को महसूस उम्र भर होगा
तेरे लबों पे जो हमने जवाब लिखा है ।