Monday, December 27, 2010

तंग कपड़े

ये कपड़े तंग सिलवाना तुझे ज़ेबा नहीं देता
किसी के दिल को तड़पाना तुझे ज़ेबा नहीं देता

गले में डाल दे बांहें मिला दे सांस से सांसें
लबे मंज़िल से लौटाना तुझे ज़ेबा नहीं देता

3 comments:

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  2. पयाम-ए-इश्क़ कम-कम-सा, ग़ज़ल भी ना-मुकम्मल-सी
    अधूरे लफ्ज़ पढवाना , तुझे ज़ेबा नहीं देता

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