Thursday, January 6, 2011

ग़ज़ल

दिल लुटने का सबब

हम को किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर सही
किसने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही

दिल के लुटने का सबब पूछो न सबके सामने
नाम आएगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही

नफ़रतों के तीर खाकर दोस्तों के शहर में
हमने किस किस को पुकारा ये कहानी फिर सही

क्या बताएं प्यार की बाज़ी वफ़ा की राह में
कौन जीता कौन हारा ये कहानी फिर सही

-Masroor Anwar
'हिंदुस्तान , पृष्ठ 9 , 7-1-2011'

2 comments:

  1. बेहतरीन गजल.............शानदार अभिव्यक्ति ।

    ऐसे ही लिखते जाइए अनवर जी ।
    शुभकामनायेँ !

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